MAHAKAL STATUS
राम उसका रावण भी उसका, जीवन उसका मरण भी उसका,
ताण्डव है और ध्यान भी वो है, अज्ञानी का ज्ञान भी वो है ।
जिनके रोम-रोम में शिव है, वहीं विष पिया करते हैं,
जमाना उन्हें क्या जलायेंगा, जो श्रृंगार ही अंगार से करते है ।
आँधी तूफान से वो डरते है, जिनके मन में प्राण बसते है ।
वो मौत देखकर भी हँसते है, जिनके मन में महाकाल बसते है ।
महाकाल के भक्तों से पंगा, और
भरी महेफिल में दंगा मत करना वर्ना
करूँगा चौराहे पे नंगा और भेजूँगा तेरी अस्थियों को गंगा ।
ना गिनकर देता है, ना तोलकर देता है,
जब भी मेरा #महाकाल देता है, दिल खोल कर देता है..!
मैं और मेरा भोलेनाथ दोनो ही बड़े भुलक्कड़ है,
वो मेरी गलतियाँ भूल जाते है,
और मैं उनकी महेरबानियाँ…
ताण्डव है और ध्यान भी वो है, अज्ञानी का ज्ञान भी वो है ।
जिनके रोम-रोम में शिव है, वहीं विष पिया करते हैं,
जमाना उन्हें क्या जलायेंगा, जो श्रृंगार ही अंगार से करते है ।
आँधी तूफान से वो डरते है, जिनके मन में प्राण बसते है ।
वो मौत देखकर भी हँसते है, जिनके मन में महाकाल बसते है ।
महाकाल के भक्तों से पंगा, और
भरी महेफिल में दंगा मत करना वर्ना
करूँगा चौराहे पे नंगा और भेजूँगा तेरी अस्थियों को गंगा ।
ना गिनकर देता है, ना तोलकर देता है,
जब भी मेरा #महाकाल देता है, दिल खोल कर देता है..!
मैं और मेरा भोलेनाथ दोनो ही बड़े भुलक्कड़ है,
वो मेरी गलतियाँ भूल जाते है,
और मैं उनकी महेरबानियाँ…
शिव की बनी रहे आप पर छाया,
पलट दे जो आपकी किस्मत की काया ।
मिले आपको वो सब अपनी जिंदगी में
जो कभी किसी ने भी न पाया ।
पलट दे जो आपकी किस्मत की काया ।
मिले आपको वो सब अपनी जिंदगी में
जो कभी किसी ने भी न पाया ।
शिव की ज्योति से नूर मिलता है,
सबके दिलों को सुरुर मिलता है,
जो भी जाता है भोले के द्वार
उसको कुछ न कुछ जरूर मिलता है ।
सबके दिलों को सुरुर मिलता है,
जो भी जाता है भोले के द्वार
उसको कुछ न कुछ जरूर मिलता है ।
कृपा जिनकी मेरे ऊपर,
तेवर भी उन्हीं का वरदान है ।
शान से जीना सिखाया जिसने,
महाकाल उनका नाम है ।
तेवर भी उन्हीं का वरदान है ।
शान से जीना सिखाया जिसने,
महाकाल उनका नाम है ।
इश्क में पागल छोरे छोरियाँ, वेलेन्टाईन डे के गुलाब बिन रहे है,
हम तो बाबा महाकाल के दिवाने है, शिवरात्री के दिन गिन रहै है ।
महाकाल के भक्तों से पंगा, और
भरी महेफिल में दंगा मत करना वर्ना
करूँगा चौराहे पे नंगा और भेजूँगा तेरी अस्थियों को गंगा ।
भरी महेफिल में दंगा मत करना वर्ना
करूँगा चौराहे पे नंगा और भेजूँगा तेरी अस्थियों को गंगा ।
लोग पूछते हैं – “कौन-सी दुनिया में जीते हो ?”
हमने भी कह दिया – “महाकाल कि भक्ति में दुनिया कहा नज़र आती है ?”
हमने भी कह दिया – “महाकाल कि भक्ति में दुनिया कहा नज़र आती है ?”
खुल चुका है नेत्र तीसरा, शिव शंभू त्रिकाल का,
इस कलयुग में वो ही बचेगा, जो भक्त हो महाकाल का ।
इस कलयुग में वो ही बचेगा, जो भक्त हो महाकाल का ।
मैं और मेरा भोलेनाथ दोनो ही बड़े भुलक्कड़ है,
वो मेरी गलतियाँ भूल जाते है,
और मैं उनकी महेरबानियाँ…
वो मेरी गलतियाँ भूल जाते है,
और मैं उनकी महेरबानियाँ…


OSM
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